RBI के नए अपडेट ने बिगाड़ा सरकारी कंपनियों के शेयरों का हाल, 13% तक लुढ़का भाव
रिजर्व बैंक के नए नियमों के माध्यम से, परियोजना पर लोन देने के तंत्र को सुधारा जा रहा है। यह नियम परियोजना के चरणों को मापने और उन्हें वर्गीकृत करने के संदर्भ में हैं। इसमें निर्माण चरण के दौरान उच्च प्रावधान भी शामिल है। यह नया नियम बैंकों को प्रोजेक्ट्स के लिए अधिक सतर्क और संवेदनशील बनाएगा।
इस नए नियम के प्रसार से, सरकारी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है। यह खबर शेयर बाजार में तीव्र प्रतिक्रिया उत्पन्न कर रही है। इस गिरावट का प्रमुख कारण रिजर्व बैंक के नए नियम हैं।
इस प्रकार के नियमों के अनुसार, बैंकों को निर्माण चरण के दौरान कर्ज का पांच प्रतिशत अलग रखना होगा। यह बैंकों को परियोजना पर लोन देने में सतर्क बनाएगा और उन्हें वित्तीय सुरक्षा के प्रति अधिक सतर्क बनाएगा।
यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा का संकल्प पत्र बनाम कांग्रेस का न्याय पत्र: घोषणापत्रों की एक विस्तृत तुलना
इससे पहले, बैंकों को परियोजना के दौरान दी जाने वाली ऋण की रकम पर कोई अधिकतम प्रावधान नहीं था, जिससे उन्हें उत्तरदायित्व में कई बार दिक्कतें आई हैं। इसके अलावा, बैंकों को परियोजना के लोन देने में जो लापरवाही दिखाई दी गई थी, उसके कारण उन्हें कई बार नुकसान हुआ है।
इस नए नियम के आने से, सरकारी कंपनियों के शेयरों के बाजार में तत्काल गिरावट देखने को मिली है। यह समय के साथ बदलती बाजारी हालत का एक प्रतिक्रिया है, जो निवेशकों के लिए ध्यान देने लायक है।
यह भी पढ़ें: 16% सस्ता हुआ टाटा का यह शेयर, एक्सपर्ट बोले- खरीदो ₹1900 के पार जाएगा भाव, देगा मुनाफा
इस नए नियम के आने से उत्पन्न बाजारी प्रतिक्रिया का अध्ययन करने के लिए, आर्थिक विशेषज्ञों और निवेशकों को चाहिए कि वे सावधानी से बाजार की स्थिति का मूल्यांकन करें और उचित निवेश की रणनीति अपनाएं। यह नए नियम बाजार को और अनुकूल और प्रतिस्पर्धी बनाने की कोशिश का हिस्सा है, जो निवेशकों के लिए अधिक विकल्प और सुरक्षा लाने में मदद कर सकता है।
Post a Comment